
रसड़ा(बलिया)। अमर शहीद भगतसिंह, राजगुरु व सुखदेव के बलिदान दिवस पर रविवार को क्रांतिकारी स्मारक समिति उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में भगतसिंह तिराहे पर स्थापित भगतसिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ ही समिति कार्यालय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन कर भारत माता के वीर सपूतों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वक्ताओं ने उनके जीवन दर्शन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगत सिंह एक विचारवान महान क्रांतिकारी थे। वह केवल अंग्रेजी साम्राज्य वाद को समाप्त नहीं करना चाहते थे बल्कि एक ऐसे भारत को देखना चाहते थे जहां व्यक्ति के द्वारा दूसरे व्यक्ति का शोषण ना हो। वे वास्तविक रूप से भारतीय संविधान के अनुसार देश में सामान्यता समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष राज की स्थापना चाहते थे। इन्हीं भावनाओं के साथ समाजवादी समाज के निर्माण के सपने को लेकर अपने साथी राजगुरु एवं सुखदेव के साथ 23 मार्च 1931 को लाहौर की सेंट्रल जेल में फांसी पर चढ़े। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक कृष्णानंद पांडेय, सुरेश राम, अशोक गुप्ता, अमला यादव, पुरुषोत्तम यादव, आनंद श्याम पांडे, राधेश्याम यादव, दुर्गेश त्रिपाठी, प्रदीप सिंह पप्पू, वीरबहादुर यादव, मुलायम यादव, राजेश जायसवाल, लल्लन यादव, अवधेश तिवारी, जनार्दन पांडेय, भोला सिंह, राजेश मिश्रा आदि लोग उपस्थित रहे। संचालन सियाराम यादव ने किया।