ओझा-सोखा के चक्कर में हुई हत्या, एसपी ने किया खुलासा

बलिया । एसओजी व खेजुरी पुलिस टीम ने मासूमपुर गांव में 9 फरवरी को हुए ट्यूशन शिक्षक दम्पती मर्डर केस में मुख्य अभियुक्त समेत चार को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से हत्या में प्रयुक्त चाकू भी पुलिस ने बरामद कर लिया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर न्यायालय चालान कर दिया।
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने मंगलवार को प्रेसवार्ता कर जानकारी देते हुए बताया कि 9 फरवरी की रात खेजुरी थाना क्षेत्र के मासूमपुर गांव निवासी श्याम लाल चौरसिया तथा उनकी पत्नी बासमती देवी का शव घर के बाहर सड़क पर मिला था। प्रकरण में मृतक श्याम लाल चौरसिया के भाई राधेश्याम चौरसिया पुत्र स्व. रामाशंकर चौरसिया निवासी मासुमपुर, थाना खेजुरी ने मुकदमा दर्ज कराया था। घटना के अनारण हेतु पुलिस टीम द्वारा लगातार सार्थक प्रयास किया जा रहा था। डबल मर्डर की सूचना पर पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने फारेंसिंक टीम व अन्य अधिकारियों के साथ घटना स्थल का निरीक्षण करते हुए सफल अनावरण व अभियुक्तों की अतिशीघ्र गिरफ्तारी के लिए टीमों का गठन किया गया।
इसी क्रम में 25 फरवरी को बलिया रेलवे स्टेशन के पास से मुख्य अभियुक्त अखिलेश चौरसिया पुत्र स्व. श्याम सुन्दर चौरसिया निवासी मासूमपुर थाना खेजुरी को मुखबिर की सूचना पर एसओजी टीम व प्रभारी निरीक्षक खेजुरी मय फोर्स ने सुबह करीब पौने चार बजे हिरासत में ले लिया। गिरफ्तार अभियुक्त ने पति पत्नी की हत्या करना स्वीकार किया।
पुलिस ने बरामद किया हत्या में प्रयुक्त चाकू व दस्ताना की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त रक्तरंजित चाकू व रक्तरंजित प्लास्टिक का दस्ताना बरामद हुआ। इसी दस्ताने को पहन कर हत्या की घटना कारित की गयी थी। अभियुक्त अखिलेश चौरसिया के बयान व अन्य संकलित साक्ष्य से घटना में संलिप्त अभियुक्त शिवानन्द चौरसिया पुत्र रामानन्द निवासी मासूमपुर थाना खेजुरी तथा घटना के बावत उकसाने में ओझा सोखा क्रमशः अभियुक्त अशोक कुमार वर्मा (सोखा) पुत्र स्व. कन्हैया वर्मा निवासी मासूमपुर थाना खेजुरी व नन्द जी पासवान सोखा पुत्र स्व. सुरेन्द्र पासवान निवासी हथौज थाना खेजुरी का नाम प्रकाश में लाया गया है। पुलिस द्वारा इन तीनों अभियुक्तों को भी गिरफ्तार कर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
इस वजह से हुआ दोहरा हत्याकांड
पुलिस के अनुसार, अभियुक्त अखिलेश चौरसिया के माता पिता दोनों की मृत्यु वर्ष 2009 में हुई थी। अभियुक्त का ऐसा मानना था कि मृतक श्यामलाल चौरसिया द्वारा कराये गये औझैती सोखैती के कारण ही उसके माता पिता की मृत्यु हुई थी। इसके कारण व काफी रूष्ठ था। इसी कारण उसने इस हत्या की घटना को अंजाम दिया।