गंगाजल से अमरत्व की प्राप्ति के साथ निकली कलश यात्रा : आचार्य दयाशंकर शास्त्री

बलिया। शहर के मिश्र नेवरी, काशीपुर में नवनिर्मित काली मंदिर परिसर में आयोजित नौ दिवसीय श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ सह श्री शतचंडी महायज्ञ की कलश यात्रा गुरूवार को गाजे-बाजे के साथ निकली। यात्रा में शामिल महिला व पुरुष श्रद्धालु सिर पर कलश लिए सुबह सात बजे मंदिर परिसर से हर हर महादेव के जयघोष के साथ निकले, जो जमुआ , मिश्रनेवरी होते हुए भृगु मंदिर परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच जल भरा। यहां से भोलेनाथ के भक्ति में लीन भजनों पर जयकारा लगाते श्रद्धालु सतनी सराय, कदम चौराहा होते हुए यज्ञ स्थल पर पहुंचे। यहां वैदिक विधि से कलश स्थापित कराया गया । महायज्ञ के लिए पंचाग पूजन व मण्डप प्रवेश भी वैदिक रीति व मंत्रोच्चार के बीच हुआ। कलश यात्रा में तेज धूप और उमसभरी भीषण गर्मी पर भक्तों का उत्साह भारी नजर आया।

लगभग पांच किमी लम्बी कलश यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के लिए जगह-जगह पेयजल की व्यवस्था की गई थी। महायज्ञ संरक्षक कविलाश गिरी महाराज ने कहा कि श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ व शतचंडी महायज्ञ भगवान शिव व मां देवी की पूजा का एक विस्तृत और शक्तिशाली अनुष्ठान है। जिसे जन कल्याण के लिए किया जाता है। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस प्रशासन, महायज्ञ कमेटी के सदस्य साथ-साथ चल रहे थे। इस दौरान शिव नारायण मिश्र, लक्ष्मी नारायण मिश्र, कामेश्वर मिश्र, दयानन्द उपाध्याय, योगेन्द्र मिश्र, अजय कुमार मिश्र, विवेक तिवारी , सभासद प्रतिनिधि पप्पू खरवार,बड़क मिश्र, मनोज चौबे, अजीत वर्मा आदि थे।



