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जिलाधिकारी ने की महिला कल्याण विभाग की समीक्षा, दिए निर्देश

बलिया: जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में महिला कल्याण विभाग की योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिया कि महिला सुरक्षा से संबंधित जागरूकता अभियान करता ट्रेनिंग व अन्य कार्यों का वार्षिक प्लान बनाएं। विभाग की उपलब्धि से संबंधित सही सटीक जानकारी नहीं दे पाने पर जिला प्रोबेशन अधिकारी मुमताज व राजकीय बालिका गृह, निधारिया की अधीक्षिका को पूरी जानकारी के साथ बैठक में रहने की चेतावनी दी।

उन्होंने कहा कि वन स्टॉप सेंटर पर अगर कोई पीड़ित महिला आती है तो उसका मेडिकल आदि जिला मुख्यालय पर ही करा लिया जाए। ध्यान रहे कि मेडिकल उसी दिन सूर्यास्त से पहले हो जाए। हेल्पलाइन नंबर पर आने वाली शिकायतों की समीक्षा के दौरान रेंडम जांच के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन रजिस्टर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। कहा कि फील्ड में जाकर भी शिकायतों के निस्तारण का फॉलोअप करें। वन स्टॉप सेंटर में महिला आरक्षी नहीं होने पर कहा कि अगर कोई भी बहुत खाली है तो इस सम्बन्ध में पत्राचार करें।

समीक्षा के दौरान शब्दों और आंकड़ों में गलतियां पाए जाने पर आगे से सुधार लाने कहा। बालिका गृह की व्यवस्था से संबंधित सवाल किया तो अधीक्षिका सही सटीक उत्तर नहीं बता सकी। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि अपने कार्य की पूरी जानकारी रखें। कोई भी डाटा बिना देखे प्रस्तुत न किया जाए। बालिका गृह में निराश्रित बालिकाओं के लिए सरकार पर्याप्त धन दे रही है, इसलिए उनके रहने खाने की गुणवत्ता बेहतर होनी चाहिए। चेताया कि औचक निरीक्षण में शिकायत मिली तो बड़ी कार्रवाई होगी। कन्या सुमंगला योजना की समीक्षा के दौरान लंबित आवेदनों के संबंध में निर्देश दिया कि एसडीएम-बीडीओ से हमेशा संपर्क करके तहसील-ब्लाक पर लंबित आवेदनों का निस्तारण सुनिश्चित करें।

बाल श्रम में जहां से बच्चे मिलें, उनके विरुद्ध कराएं मुकदमा

बैठक में जिलाधिकारी ने बाल श्रम के विरुद्ध हुई कार्रवाई की जानकारी ली तो श्रम विभाग के अधिकारी ने बताया कि जून में 16 तथा जुलाई में 8 बच्चे बाल श्रम से मुक्त कराए गए हैं। ज्यादातर छोटे होटलों पर बच्चे मिले थे। इस पर जिलाधिकारी ने सवाल किया कि उन होटल संचालकों पर क्या कार्रवाई हुई ? अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं करने पर नाराजगी जताते हुए निर्देश दिया कि सिर्फ फाइन काटने से नहीं होगा, बल्कि ऐसे होटल संचालकों पर मुकदमा दर्ज कराया जाए। जो बच्चे मुक्त कराए गए, बीएसए से बात करके उनका विद्यालय में दाखिला भी कराएं। अगले कुछ दिनों में इसकी बाक़ायदा समीक्षा होगी और कोई प्रगति नहीं मिलने पर जवाबदेही भी तय की जाएगी। बैठक में एडीएम डीपी सिंह, बीएसए मनीष सिंह सहित अन्य अधिकारी व प्रवेश कार्यालय के स्टाफ मौजूद थे।

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