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धनराशि की डिमांड करने पर दो कर्मियों के विरूद्ध मुकदमा

राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजनान्तर्गत आवेदन की जांच में की थी पैसे की डिमांड

बलियाः राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजनान्तर्गत लाभार्थी से अनुचित रूप से धन मांगने पर समाज कल्याण विभाग के पर्यवेक्षक विनोद कुमार वर्मा व ग्राम फुलवरिया के रोजगार सेवक रणधीर सिंह के विरूद्ध बांसडीह रोड थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। दुबहड़ ब्लॉक के टघरौली निवासी नेहा सिंह पत्नी स्व0 कन्हैया सिंह के आवेदन की जांच के बाद समाज कल्याण अधिकारी दीपक श्रीवास्तव की तहरीर पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत यह कार्रवाई हुई है।नेहा सिंह ने ऑडियो रिकार्डिंग के साथ शिकायत की, जिसकी जांच समाज कल्याण अधिकारी ने की। जांच में पाया कि फुलवरिया के रोजगार सेवक रणधीर सिंह ने फोन के माध्यम से पहले एक हजार, और बाद में 9 हजार की मांग की थी। इस बावत पूछताछ की गयी तो रणधीर सिंह ने लिखित रूप में बयान दिया कि पर्यवेक्षक विनोद शर्मा के कहने पर फोन करके पैसे की मांग की तथा लाभार्थी के पेपर उनके व्हाट्अप पर भेजा। नेहा सिंह के आवेदन का स्थलीय सत्यापन भी पर्यवेक्षक विनोद शर्मा ने ही किया था। जांच में प्रथम दृष्टया संलिप्तता पाये जाने पर समाज कल्याण अधिकारी ने बांसडीह रोड थाने में तहरीर दी, जिसके बाद दोनों कर्मियों पर मुकदमा दर्ज किया गया।

नेहा सिंह ने ऑडियो रिकार्डिंग के साथ शिकायत की, जिसकी जांच समाज कल्याण अधिकारी ने की। जांच में पाया कि फुलवरिया के रोजगार सेवक रणधीर सिंह ने फोन के माध्यम से पहले एक हजार, और बाद में 9 हजार की मांग की थी। इस बावत पूछताछ की गयी तो रणधीर सिंह ने लिखित रूप में बयान दिया कि पर्यवेक्षक विनोद शर्मा के कहने पर फोन करके पैसे की मांग की तथा लाभार्थी के पेपर उनके व्हाट्अप पर भेजा। नेहा सिंह के आवेदन का स्थलीय सत्यापन भी पर्यवेक्षक विनोद शर्मा ने ही किया था। जांच में प्रथम दृष्टया संलिप्तता पाये जाने पर समाज कल्याण अधिकारी ने बांसडीह रोड थाने में तहरीर दी, जिसके बाद दोनों कर्मियों पर मुकदमा दर्ज किया गया।

 जिलाधिकारी ने की जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा

बलियाः जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने जल जीवन मिशन के तहत जिले में चल रही परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने साफ कहा कि इंटेक से लेकर ओवरहेड टैंक निर्माण व अन्य कार्याें की गुणवत्ता में थोड़ी भी कमी नहीं होनी चाहिए। चेताया कि अगर गुणवत्ता की शिकायत मिली तो जिम्मेदार पर बड़ी कार्रवाई होगी। वित्तीय प्रगति की रिपोर्ट नहीं देने पर जल निगम के एक्सईएन पर नाराजगी भी जताई।

बिजली विभाग को धनराशि भेज देने के बाद भी उससे सम्बन्धित कार्य में देरी पर जिलाधिकारी ने सवाल किया। जल निगम के एक्सईएन को निर्देश दिया कि जिस विभाग से समन्वय बनाना है, उनसे मौखिक वार्ता के साथ पत्राचार भी करें, ताकि विलम्ब होने पर सम्बन्धित की जवाबदेही तय किया जा सके। यह भी कहा कि पाईप डालने के सड़क खोदने के बाद उसको रिपेयर भी समय से कर दें। कार्य में इस बात का विशेष ख्याल रखा जाए कि जहां जितने लेवर की आवश्यकता है, उतने रहें। साइट पर निरीक्षण में लेवर क्षमता पर्याप्त मिलनी चाहिए। बैठक में जल जीवन मिशन के नोडल एडीएम राजेश कुमार, तीनों निर्माण कम्पनियों के प्रतिनिधि व अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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