अध्यात्मकार्यक्रमबलिया

कलियुग में मुक्ति का एकमात्र सुगममार्ग श्रीमद् भागवत कथा


दुबहर (बलिया)। क्षेत्र के ग्राम पंचायत अखार अंतर्गत बुल्लापुर नई बस्ती में स्थित श्रीहनुमत धाम रामानुज आश्रम पर श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान कथावाचक स्वामी बद्रीनाथ वनमाली जी ने श्रीभागवत कथा के महत्व के बारे में विस्तार से चर्चा की । गुजरात स्थित द्वारका जगन्नाथ मंदिर से आए बनवालीजी ने कहा कि इस कलियुग में मुक्ति का एकमात्र सुगममार्ग श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण ही है। श्रीमद् भागवत में प्रेत योनि में पड़े धुंधकारी के कथा का जिक्र करते हुए कहा कि उसने अपने भाई गोकर्ण से स्वप्न में कहा कि मुझे प्रेत योनि से मुक्ति दिलाओ। प्रेत योनि से मुक्ति मुझे गयाधाम में पिंडदान करने से भी नहीं मिलेगी। एकमात्र इसका सुगम मार्ग श्रीमद् भागवत कथा का श्रद्धा पूर्वक श्रवण करना ही है। मेरे मुक्ति के लिए संकल्प करके कथा का श्रवण करो। श्रीहनुमत धाम में श्रीवनमाली जी ने चल रहे कथा ज्ञान यज्ञ में कहा कि श्रीमद् भागवत कथा अति लाभकारी है। माघ मास में इस ज्ञान यज्ञ का आयोजन और अधिक पुण्यदाई है। कथा यज्ञ के दौरान बीच-बीच में श्रीवन मालीजी के भजन पर भागवत प्रेमी झूमते नजर आए। कथा के प्रारंभ में पंडित श्रीधराचार्य महाराज ने कथावाचक बद्रीनाथ श्रीवनमाली जी का माल्यार्पण कर स्वागत किया। मुख्य यजमान के रूप में श्रीमती राजमुनि देवी कथा के दौरान भक्ति में तल्लीन रही। भागवत कथा ज्ञान यज्ञ 15 जनवरी से प्रारंभ हुआ और इसका कथा विश्राम 22 जनवरी बुधवार को होगा। प्रत्येक दिवस को प्रातः 10:00 बजे से श्रीमद् भागवत कथा का परायण पंडित अभिषेक शास्त्री एवं पंडित नागेश दुबे कर रहे हैं। हिंदी में भजन के साथ भागवत कथा सायं 5 बजे प्रारंभ हो रही है ।कथा का समापन भागवत आरती के साथ हुआ ।

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