
बलिया। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को बंद कर दूसरे विद्यालयों में मर्ज करने की नीति गरीब और ग्रामीण परिवारों के हितों पर सीधा प्रहार है। पूर्वांचल क्रांति पार्टी इसका कड़ा विरोध करती है।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशिकांत पांडे उर्फ बिट्टू बाबा ने कहा कि शासन एक तरफ सरकारी स्कूलों की संख्या घटा रही है, जिससे बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाई होना तय है, और दूसरी तरफ शराब की दुकानों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। यह किस तरह का विकास मॉडल है जहाँ शिक्षा को पीछे धकेल कर नशे को बढ़ावा दिया जा रहा है?
आज प्रदेश के दूरस्थ गाँवों में रहने वाले छोटे-छोटे बच्चों को कक्षा एक से 5 तक की शिक्षा के लिए एक किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करनी होगी, जबकि 6 से 8 तक के छात्र-छात्राओं को 4 से 5 किलोमीटर दूर जाना पड़ेगा। क्या यह बच्चों के लिए सुरक्षित है? क्या बारिश और बाढ़ और भीषण ठंड के समय इतनी दूरी तय करना संभव है?
यह साफ दर्शाता है कि प्रदेश सरकार नहीं चाहती कि गरीबों के बच्चे शिक्षित हों। अधिकारियों की तुगलकी नीतियों से गांव का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। शिक्षा का हक छीनकर शराब का रास्ता दिखाना किस सोच को दर्शाता है।
पूर्वांचल क्रांति पार्टी सरकार से मांग करती है कि इस जनविरोधी निर्णय को तत्काल वापस लिया जाए और ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों की संख्या बढ़ाई जाए, ना कि कम की जाए। अन्यथा पार्टी जनआंदोलन छेड़ेगी और हर गांव-गली से आवाज उठेगी “शिक्षा दो, शराब नहीं”