
मनियर (बलिया) ।ग्रामीणों के विरोध के बावजूद भी चकबंदी आयुक्त लखनऊ के निर्देश पर प्रशासन चकबंदी कराने पर आमादा है ।इससे कास्तकारों में नाराजगी देखी जा रही है । एडीएम बलिया, बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी, चकबंदी अधिकारी, चकबंदी कर्ता ,चकबंदी लेखपाल व क्षेत्राधिकार बांसडीह प्रभात कुमार, व मनियर थाना प्रभारी रत्नेश कुमार दूबे दलबल के साथ बुधवार के दिन मनियर थाना क्षेत्र के धसका गांव के शिव मन्दिर पर पहुंचे बताया जाता है कि वहां काश्तकारों के साथ बैठक की जिसमें सिर्फ चार लोगों के अतिरिक्त बाकी कास्तकार दुबारा चकबंदी के कराए जाने के विरोध में थे ।ग्रामीण एवं काश्तकार चकबंदी नहीं करना चाहते हैं इसके बावजूद भी चकबंदी आयुक्त के निर्देश पर गांव में पहुंचकर अधिकारी काश्तकारों से चकबंदी कराए जाने की राय मशविरा कर रहे हैं। अभी तक चार-पांच बार काश्तकारों एवं अधिकारियों की मीटिंग हो चुकी है जिसमें बहुसंख्यक रूप से काश्तकार चकबंदी न कराए जाने के पक्ष में हैं । काश्तकारों की माने तो करीब तीन माह पहले भी मीटिंग हुई थी जिसमें 216 काश्तकारों में से 175 काश्तकारों ने चकबंदी प्रक्रिया का विरोध किया 35 काश्तकार अनुपस्थित रहे तथा 6 काश्तकार चकबंदी के पक्ष में थे। जिलाधिकारी द्वारा भेजी गई टीम के रिपोर्ट पर जिला अधिकारी ने चकबंदी आयुक्त को अपनी रिपोर्ट भेज दी थी कि यहां के किसान चकबंदी के पक्ष में नहीं है ।बावजूद बार-बार लखनऊ के निर्देश पर अधिकारी गांव में आकर ग्रामीणों से राय मसविरा कर रहे हैं। बताते चलें कि 1980 के दशक में बलिया जनपद के अधिकांश गांव में चकबंदी की प्रक्रिया पूरी हो गई थी ।वहीं धसका गांव में भी चकबंदी हो गई थी ।करीब 40 वर्ष के अंतराल पर चकबंदी कराए जाने से किसान काश्तकार नाखुश हैं। इस मौके पर चकबंदी न कराए जाने के पक्ष में काश्तकार अखिलेश पांडेय ,रामविलास प्रजापति, हरि प्रजापति, गोपाल पांडेय ,रामनाथ शास्त्री, सत्येंद्र राजभर, अखिलेश सिंह, सत्यदेव सिंह ,ओमप्रकाश उपाध्याय उर्फ चुन्नू ,तोषु सिंह ,संजय सिंह, लाल सिंह, दीपक सिंह, गोलू सिंह, लाल बहादुर राजभर, गायत्री राजभर, केदार राजभर, निर्मल राजभर, देवेंद्र राजभर सहित आदि काश्तकार मौजूद थे। जबकि चकबंदी कराने के पक्ष में अलगू राजभर शिवजी राजभर थे।