
दुबहड़(बलिया)। बलिया बलिदान दिवस के अवसर पर मंगलवार के दिन 1857 क्रांति के महानायक शहीद मंगल पांडेय के पैतृक गांव नगवा स्थित शहीद स्मारक में मंगल पांडेय विचार मंच के लोगों ने श्रद्धा के फूल चढ़ाकर अमर शहीद को नमन किया। मंगल पांडे विचार मंच द्वारा अखार ढाले से स्मारक परिसर तक पदयात्रा निकालकर गोष्ठी का भी आयोजन किया गया।
गोष्टी को संबोधित करते हुए मंच के अध्यक्ष कृष्णकांत पाठक ने कहा कि पूरे देश को गौरवान्वित करने वाला बलिया का यह बलिदान दिवस अपने पूर्वजों के गौरवपूर्ण गाथा को स्मरण करने की याद दिलाता है। 1942 में ही बलिया के लोगों ने अंग्रेजी हुकूमत को यह एहसास करा दिया था कि यहां के ज़र्रा-जर्रा में बगावत करने और देश के लिए मर मिटने का जज्बा है। उसके पहले भी 1857 में इसी मिट्टी के लाल शहीद मंगल पांडेय ने भी अंग्रेजी हुकूमत की अत्याचार के खिलाफ अपने बगावती तेवर से उन्हें भलीभांति अवगत कराया और बगावत का बिल्कुल फूंक दिया। इसका नतीजा रहा की 1857 में उठी चिंगारी अंग्रेजों को भारत से भगाने के बाद 1947 में देश आजाद करके ही शांत हुई।
इस मौके पर विवेक सिंह, गणेशजी सिंह, विनोद पासवान, रणजीत सिंह, बब्बन विद्यार्थी, नितेश पाठक, रविंद्र पाल, पवन गुप्ता, अन्नपूर्णानंद तिवारी, गांधी पांडेय, राजकुमार गिरी, गंगा सागर राम, श्रीभगवान चौधरी, धीरज यादव सहित अनेकों लोग मौजूद रहे।
दुबहड़ से पन्ना लाल गुप्ता की रिपोर्ट: