बाढ़ राहत : “प्रधान जी, तिरपाल जल्द वापस कर दीजिए, नहीं तो चली जाएगी मेरी नौकरी

लालगंज (बलिया)। बाढ़ पीड़ितों के लिए भेजे गए तिरपाल को वापस मंगाए जाने को लेकर ग्राम पंचायत मुरारपट्टी में नाराज़गी फैल गई है। शनिवार को बैरिया तहसील प्रशासन की ओर से तिरपाल उपलब्ध कराए गए थे, जिन्हें ग्राम प्रधान मुना राम ई-रिक्शा से गाँव लेकर पहुँचे ही थे कि तभी क्षेत्रीय लेखपाल का फोन आया। लेखपाल ने प्रधान से कहा— “प्रधान जी, तिरपाल जल्द वापस कर दीजिए, नहीं तो मेरी नौकरी चली जाएगी। यह तहसीलदार का आदेश है।”
प्रधान मुना राम ने दबाव में आकर तिरपाल उसी ई-रिक्शा से तहसील वापस भिजवा दिया। ग्रामीणों का कहना है कि जब तिरपाल गाँव आ चुका था, तो सूची के अनुसार वितरण होना चाहिए था।
इस संबंध में तहसीलदार मनोज राय ने बताया कि मुरारपट्टी पंचायत में 140 परिवारों की सूची बनी थी, लेकिन गलती से 300 तिरपाल भेज दिए गए थे। अतिरिक्त तिरपाल वापस मंगाए गए हैं।
वहीं, प्रधान मुना राम का आरोप है कि कुछ दिन पूर्व बाढ़ पीड़ितों के लिए पका भोजन गाँव में रात नौ बजे पहुँचा, जबकि समय शाम सात बजे का था। इसकी शिकायत उन्होंने बाढ़ कंट्रोल रूम बलिया से की थी, जिसके बाद बदले की भावना से उनके गाँव का तिरपाल वापस मंगा लिया गया। प्रधान का कहना है कि गाँव में करीब 300 लोग तिरपाल के हकदार हैं, विभाग चाहे तो खुद वितरण करे, उन्हें आपत्ति नहीं है।