
बलिया । रसड़ा में छोटी काशी के रूप में प्रसिद्ध रामलीला के 9वें दिन गुरुवार को राम की सेना लंका पर चढ़ाई के लिए समुद्र पार करने के लिए रामेश्वरम में सेतु बांध कर लंका पर चढ़ाई कर अंगद को दूत के रूप में रावण के पास भेजा है। उधर लंका में विभीषण और अंगद द्वारा राम को सीता को लौटाकर उनसे क्षमा मांगने के प्रस्ताव को नकार दिए जाने के बाद राम की सेना लंका में प्रवेश के लिए चारो फाटकों पर युद्ध कर लंका में प्रवेश कर जाती है। जहां रावण मेघनार्द को भेजता है। उसके द्वारा शक्ति वाण से लक्ष्मण को मुर्छित कर दिया जाता है। हनुमान द्वारा सुमेर गिरी से संजीवनी लाकर उनकी चेतना लौटाई जाती है। पुनः युद्ध होता है और लक्ष्मण उसका वध कर देते हैं।उसकी पत्नी उसके सिर के साथ सती हो जाती है।इस लीला के मंचन को देख सैकड़ों महिलाएं, बच्चों ने आनंद उठाया।माता जानकी का पता लगाने के बाद राम की सेना समुद्र में सेतु बांध कर लंका पर चढ़ाई कर देती है। वहां अंगद राम के दूत में रावण के पास जाकर माता सीता को रामकोकौटा कर उनसे क्षमा मांगने का प्रस्ताव रखते हैं।उसी समय उसका भाई विभीषण भी रावण से सीता को लौटाने का आग्रह करता है। रावण क्रोधित होकर विभीषण को लात से मारकर लंका से निकाल देता है।उधर अंगद अपने पैर जमीन पर जमाकर उसे हटाने का दावा करते हैं।पैर हटाना तो दूर हिल भी नहीं पाता। प्रस्ताव नकार दिए जाने के बाद राम की सेना लंका के चारो द्वारों पर लड़ाई प्रारंभ कर लंका में प्रवेश कर युद्ध प्रारम्भ कर देता है। रावण युद्ध मैदान में अपने पुत्र इंद्रजीत (मेघनार्द) को भेजता है।वह शक्ति वाण का प्रयोग कर लक्ष्मण को मुर्छित कर देता है। इससे राम की सेना में हाहाकार मच जाता है।सुखेन वैध की आग्रह पर हनुमान सुमेर पर्वत से संजीवनी लाकर उनको पुनः जीवित कर देते हैं। जहां पुनः मेघनार्द से युद्ध होता है और लक्ष्मण उसका वध कर देते हैं।पति के मृत सिर को सुलोचना लेकर सती हो जाती है। मेला को संपन्न कराने में प्रभारी मनोज पांडे टुन्ना बाबा, जितेंद्र तिवारी, जयप्रकाश जायसवाल, अंजनी तिवारी आदि लगे रहे।