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बिशिष्ट बी.टी.सी.शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने TET अनिवार्यता के विरोध में PM व CM के नाम दिया ज्ञापन

बलिया । माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 01 सितंबर 2025 को अपने दिए गए आदेश कि R.T.E.Act 2009 के लागू होने से पूर्व नियुक्त सभी शिक्षकों के लिए टी ई टी की अनिवार्यता के के विरोध में विशिष्ट बी टी सी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर जिलाध्यक्ष डॉ घनश्याम चौबे की अध्यक्षता में सैकड़ों शिक्षकों के हुजूम के साथ देश के यशस्वी प्रधानमंत्री जी, भारत सरकार के माननीय शिक्षा मंत्री जी, प्रमुख सचिव शिक्षा विभाग, भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी को संबोधित ज्ञापन आदरणीय जिलाधिकारी बलिया महोदय को सौंपा गया कि केंद्रीय सरकार अपनी विधाई शक्तियों का प्रयोग कर समस्या का समाधान कराए।

ज्ञापन देने से पूर्व शिक्षकों की सभा को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष डॉ घनश्याम चौबे ने कहा कि केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में टी ई टी की अनिवार्यता 2010 से उत्तर प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में वर्ष 2011से लागू हुआ है। ऐसे में तत्समय निर्धारित सभी अर्हताओं को को पूर्ण कर चयनित शिक्षक जो 20-25वर्षों से शिक्षण कार्य करने वाले शिक्षकों को कैसे अयोग्य घोषित किया जा सकता है? शिक्षकों की सभा को संबोधित करते हुए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद जनपद बलिया के जिलाध्यक्ष श्री वेद प्रकाश पांडेय ने कहा कि शिक्षक समाज का मुखिया होता है और राष्ट्र निर्माण में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ऐसे में वशिष्ठ अध्यापकों पर अनावश्यक परीक्षा का दबाव किसी भी रूप में उचित नहीं कहा जा सकता है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद शिक्षकों की समस्या का सम्मानजनक समाधान होने तक इस आंदोलन में संघर्ष करेगा। इसके आगे कार्यक्रम को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिला महामंत्री श्री विनोद मिश्रा जी ने अपना विचार रखा।
संबोधन के क्रम में जिला संरक्षक श्री अरुण कुमार सिंह ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय में शिक्षकों के कोई प्रतिनिधि न होने से गलत तथ्य प्रस्तुत करने के कारण ऐसा निर्णय आ सकता है। हम केंद्रीय और राज्य सरकार से मांग करते हैं कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय को उचित तथ्यों को अवगत कराते हुए शिक्षकों के मान सम्मान की रक्षा की जाय। शिक्षकों से खचाखच भरे सभास्थल पर संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अवनीश कुमार सिंह ने बताया कि आर टी ई एक्ट 2009 व एन सी टी ई एक्ट 2010के द्वारा इसके लागू होने से पहले के शिक्षकों को टी ई टी से छूट मिली हुई है तो तो फिर 01 सितंबर 2025का माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आदेश विरोधाभास पैदा करता है। शिक्षकों की सभा को संबोधित करते हुए जिलाकोषध्यक्ष श्री नित्यानंद पाण्डेय ने केंद्रीय और राज्य सरकार से अपील की कि अपने विधायिक शक्तियों द्वारा सरकार शिक्षकों के मान सम्मान और सेवा सुरक्षा की गारंटी प्रदान करे। जिला मीडिया प्रभारी श्री आशुतोष शुक्ला ने बताया कि केंद्रीय सरकार को इसका उचित हल निकालना चाहिए अन्यथा एक गंभीर स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। शिक्षा क्षेत्र चिलकहर के ब्लॉक अध्यक्ष श्री अनिल कुमार सिंह कि 50-55वर्ष की अवस्था में शिक्षकों से परीक्षा की बात करना कहीं से न्यायसंगत नहीं है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुनी हुई सरकार सर्वोपरि होती है। अतः मौजूदा सरकार समस्या का सम्मानजनक हल निकाले। इसके अतिरिक्त सभा को संगठन के उपाध्यक्ष श्री राजेंद्र तिवारी, संयुक्त मंत्री श्री जितेन्द्र यादव, उपेन्द्र नारायण सिंह (अध्यक्ष, मनियर), ओंकार नाथ पांडेय (अध्यक्ष बांसडीह) अखिलेश कुमार सिंह, सुरेश वर्मा आदि ने भी संबोधित किया। आज के ज्ञापन सभा में श्री रविन्द्र तिवारी, योगेन्द्र नाथ वर्मा, पंकज कुमार मिश्रा, शैलेन्द सिंह, संजीव कुमार सिंह, प्रेमजी गुप्ता, विवेकानंद तिवारी, अजीत यादव, प्रवीण कुमार दुबे, अनुज कुमार सिंह, सुनील कुमार गुप्ता, जितेन्द्र पाण्डेय संजय कुमार सिंह, डॉ सुनील गुप्ता, संजय वर्मा आदि मौजूद रहे ।

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