
दुबहड़(बलिया)। भगवान की कथा संसारियों के लिए औषधि के समान है। जैसे भगवान के चरणों से निकली गंगा जीवन को मोक्ष प्रदान करती है, उसी प्रकार भगवान के चारित्रिक रूप से निकली भागवत की गंगा सुनने – सुनाने और आयोजन करने वाले का कल्याण करती है।
उक्त बातें नगवा गांव स्थित महाराज जी की ठाकुरबाड़ी में चल रहे पांच दिवसीय श्री राधा माधव सम्प्रोक्षण महा महोत्सव के दौरान गुरुवार की रात श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज के कृपा पात्र श्रोतिय पीठाधीश्वर आचार्य धनंजय कृष्ण शास्त्री ने अपने प्रवचन में कहीं। कहा कि कृष्ण जगत के निर्माता एवं संरक्षक हैं, जबकि राधा उनके साथ प्रेम और भक्ति से जुड़ने का माध्यम। कहा कि राधा-कृष्ण का चरित्र हमें संस्कार व संस्कृति से युक्त शिक्षा देता है।

इसके पूर्व आचार्य धनंजय कृष्ण ने आयोजक पंडित अश्वनी कुमार उपाध्याय के हाथों पंचांग पूजन, वेदी पूजन, एवं राधा माधव श्रृंगार आदि विधिवत वैदिक मंत्रोचार के बीच संपन्न कराई। इस मौके धनंजय उपाध्याय, अवनीश उपाध्याय, संजय पांडेय, ओम प्रकाश पाठक, परमात्मानंद पांडेय, अजीत पाठक, संजीव पाठक, विनोद पाठक, गणेश जी सिंह, भरत पाठक, प्रताप पाठक खन्नू, हरेराम शर्मा, महावीर पाठक, शिव शंभू पाठक, पप्पू पांडेय, काशीनाथ यादव, हरेराम पाठक ब्यास, टुनटुन पांडेय मोहनलाल पाठक, छोटेलाल पाठक, बच्चा खरवार सहित सैकड़ो लोग मौजूद रहे।दुबहर । भगवान की कथा संसारियों के लिए औषधि के समान है। जैसे भगवान के चरणों से निकली गंगा जीवन को मोक्ष प्रदान करती है, उसी प्रकार भगवान के चारित्रिक रूप से निकली भागवत की गंगा सुनने – सुनाने और आयोजन करने वाले का कल्याण करती है।
उक्त बातें नगवा गांव स्थित महाराज जी की ठाकुरबाड़ी में चल रहे पांच दिवसीय श्री राधा माधव सम्प्रोक्षण महा महोत्सव के दौरान गुरुवार की रात श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज के कृपा पात्र श्रोतिय पीठाधीश्वर आचार्य धनंजय कृष्ण शास्त्री ने अपने प्रवचन में कहीं। कहा कि कृष्ण जगत के निर्माता एवं संरक्षक हैं, जबकि राधा उनके साथ प्रेम और भक्ति से जुड़ने का माध्यम। कहा कि राधा-कृष्ण का चरित्र हमें संस्कार व संस्कृति से युक्त शिक्षा देता है।
इसके पूर्व आचार्य धनंजय कृष्ण ने आयोजक पंडित अश्वनी कुमार उपाध्याय के हाथों पंचांग पूजन, वेदी पूजन, एवं राधा माधव श्रृंगार आदि विधिवत वैदिक मंत्रोचार के बीच संपन्न कराई। इस मौके धनंजय उपाध्याय, अवनीश उपाध्याय, संजय पांडेय, ओम प्रकाश पाठक, परमात्मानंद पांडेय, अजीत पाठक, संजीव पाठक, विनोद पाठक, गणेश जी सिंह, भरत पाठक, प्रताप पाठक खन्नू, हरेराम शर्मा, महावीर पाठक, शिव शंभू पाठक, पप्पू पांडेय, काशीनाथ यादव, हरेराम पाठक ब्यास, टुनटुन पांडेय मोहनलाल पाठक, छोटेलाल पाठक, बच्चा खरवार सहित सैकड़ो लोग मौजूद रहे।